CTET पर्यावरण अध्ययन के महत्वपूर्ण वन लाइनर जो 100% आपके परीक्षा में आयेगे | Ctet EVS one liner Question in Hindi

Ctet EVS one liner Question in Hindi : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET ) सीबीएसई के द्वारा आयोजित की जाती है | इस परीक्षा में पर्यावरण अध्ययन और बाल विकास से क्वेश्चन पूछे जाते हैं | पर्यावरण अध्ययन के महत्वपुर्ण वन लाइनर प्रश्न उत्तर से आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं | CTET EVS सिलेबस 2024 में इस खंड Environmental Studies से बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रारूप में कुल 30 प्रश्न पूछे जाते हैं।Ctet EVS Question in Hindi के अन्य पोस्ट को भी देखे और अपने शिक्षक पात्रता परीक्षा में अच्छे मार्क लाये |

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केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET ) इस बार फिर से OMR से लिया जायेगा | आप इस पोस्ट को पूरी जरुर पढ़े और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करे | CTET 2024 परीक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न शिक्षक पात्रता परीक्षा जैसे की – CTET, UPTET, HPTET, PSTET,BPSC TET ,MPTET ,etc में पूछे जाते हैं | अगर आप भी शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी करते हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें | आज इस पोस्ट के माध्यम से हम पर्यावरण अध्ययन के महत्वपूर्ण वन लाइनर को देखेंगे | यह प्रश्नों की श्रृखला में आप Environmental Study One-Liner Questions जो आपके एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण है |

CTET EVS Notes in Hindi

पर्यावरण अध्ययन के महत्वपूर्ण वन लाइनर | CTET EVS Pedagogy Top one liner | CTET EVS | CTET 2024 EVS | Environmental Studies for CTET

  • ठोस अपिशष्ट पदार्थों के निस्तारण की भस्म करना विधि से वायु प्रदूषण फैलता है।
  • भूमि की भराई, कम्पोस्ट और कृमियों से खाद बनाने से वायु प्रदूषण नहीं फैलता है।
  • कम्पोस्ट एक प्रकार की खाद है, जो जैविक पदार्थों के अपघटन एवं पुनः चक्रण से प्राप्त की जाती है। यह जैविक खेती का मुख्य घटक है।
  • कम्पोस्टर बनाने का सबसे सरल तरीका है-नम जैव पदार्थों (जैसे पत्तियाँ, बचा खुचा खाना आदि) का ढ़ेर बनाकर कुछ काल तक प्रतीक्षा करना ताकि इसका विघटन हो जाय। ⏩CTET हिन्दी के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर देखे
  • वह स्थान जो कि दीर्घ काल से बाढ़ से प्रभावित होता है, स्थानीय लोगों में स्थानांतरण का कारण होगा। पुनर्वास के उपायों को मूलतः 3 अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
    • (a) शारीरिक पुनर्वास- जिसमें आरंभिक पहचान तथा उपचार, परामर्श व चिकित्सा तथा मदद व उपकरण का प्रावधान है। इसमें पुनर्वास कर्मचारियों का विकास भी शामिल है।
    • (b) व्यावसायिक शिक्षा समेत शैक्षणिक पुनर्वास
    • (c) आर्थिक पुनर्वास समाज में गरिमामय जीवन जीने के लिए
  • टैपिओका का दूसरा नाम कप्पा है।
  • पेड़ का वह हिस्सा जो जमीन के अंदर रहता है, जड़ कहलाता है।
  • पेड़ के जमीन से ऊपर का हिस्सा जो मोटा होता है, तना कहलाता है।
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  • तना के ऊपर का हिस्सा टहनी और पत्तियाँ होती है।
  • जड़ पेड़ों को सहारा देने के साथ-साथ जल ऊपरी भाग तक पहुँचता है।
  • पर्यावरण के जैव घटकों में पेड़-पौधे, जीव-जन्तु आदि आते हैं, जबकि अजैव घटकों में वायु, जल एवं मृदा आते हैं।
  • हांगकांग के लोकप्रिय भोजन लिंग-हू-फेन है।
  • लिंग-हु-फेन​ यह विभिन्न खाद्य के साथ एक नूडल सूप डिश है।इस व्यंजन को बनाने के लिए ज्यादातर सांप के मांस का इस्तेमाल किया जाता है।यह हांगकांग में एक लोकप्रिय व्यंजन है।यह मुख्य रूप से कैंटोनीज़ व्यंजनों से प्रेरित है।
  • हांगकांग का मुख्य भोजन चावल, मांस, चिकन और सूअर के मांस जैसे विभिन्न मांसाहारी व्यंजनों के साथ किया जाता है।
  • अपोंग (बाजरा या चावल की बीयर) आमतौर पर पिया जाने वाला लोकप्रिय पेय है।
  • हांगकांग एशिया महाद्वीप में चीन देश के दक्षिणी हिस्सा में पर्ल नदी के डेल्टा में, एक मुहाना के पूरब किनारा पर वसा एक विशेष प्रशासित इलाका है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग भोजन होते हैं।किस स्थान पर आसानी से क्या उगता है, इसके आधार पर जगह-जगह अलग-अलग चीजें खाई जाती हैं।
  • पाईके पिइला (अचार) खाना पसंद करते हैं।
  • अपोंग (बाजरा या चावल की बीयर) आमतौर पर पिया जाने वाला लोकप्रिय पेय है।
  • हुक जैसी चोंच पक्षी में मीट को काटने और खाने के काम आती है।
  • गोरैया प्राकृतिक रूप से मांसाहारी होते हैं, गोरैया चिड़िया का खाना मुख्य रूप से फतिंगा और अन्य छोटे कीड़े होते हैं।
  • हरियल पक्षी पूर्णतः शाकाहारी होता है। यह कई प्रकार के फल खाते हैं।
  • हरियल पक्षी जो एक तरह का कबूतर है, जमीन पर कभी पैर नहीं रखता है।
  • नाश्ते में भेलपुरी व्यंजन शीघ्रता से तैयार किया जा सकता है।
  • ‘पोषण’ प्रकरण को पढ़ाते समय शिक्षार्थियों के टिफिन बॉक्स उनके द्वारा खुलवाकर घर से आए खाने का अवलोकन करने को कहना तत्पश्चात व्याख्या करना सर्वाधिक उपयुक्त गतिविधि है।
  • आलू, प्याज एवं लहसुन तना है।
  • मूली जड़ है।
  • अदरक भी तना है।
  • प्याज शल्क पत्र है।
  • ओडिशा और पश्चिम बंगाल के राज्यों में काफी प्रचलित ‘पट्टचित्र’ की कला उड़ीसा राज्य की परंपरागत पेंटिंग/ हस्तशिल्प है।
  • पट्टचित्र शब्द का उपयोग आमतौर पर पारंपारिक, आधारित स्क्रॉल पेंटिंग के लिए किया जाता है।
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  • मिथिला क्षेत्र में विख्यात मधुबनी चित्रकला अथवा मिथिला पेंटिंग प्रमुख चित्रकला है।
  • मधुबनी चित्रकला बिहार के दरभंगा, पूर्णिया, सहरसा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों की प्रमुख चित्रकला है। प्रारम्भ में रंगोली के रूप में रहने के बाद यह कला धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ों, दीवारों एवं कागज पर उतर आई है।
  • ब्रोकोली, स्ट्राबेरी, नींबू में विटामिन-सी पाया जाता है। विटामिन-सी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी तत्व माना जाता है।
  • विटामिन-सी एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कनेक्टिव टिश्यूज को बेहतर बनाता है और जोड़ों को सपोर्ट देने का काम करता है।
  • विटामिन-सी न्यूट्रोफिल यानी सफेद रक्त कोशिकाएँ जो संक्रमण से लड़ती हैं, उनको मदद पहुँचाता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
  • स्कर्वी रोग आपके शरीर में विटामिन-सी की कमी हो जाती है|
  • विटामिन-सी की कमी से क्षुर्रिया रोग होने का कारण लोगों की स्किन बहुत ड्राई होती है उनके चेहरे पर जल्दी क्षुर्रिया आने लगती है।
  • झूम खेती की प्रथा सामान्यतः मिजोरम में होता है।
  • भारत की पूर्वोत्तर पहाड़ियों में आदिम जातियों द्वारा की जाने वाली इस प्रकार की कृषि को झूम कृषि कहते हैं।
  • झूम कृषि के स्थानांतरणशील कृषि को श्रीलंका में चेना, हिन्देसिया में लदांग और रोडेशिया में मिल्पा कहते हैं।
  • झारखंड में झूम खेती को ‘कुरूवा नाम’ से जाना जाता है।

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  • झूम खेती के रूप में प्रचलित इस प्रणाली को अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर जैसे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पर्याप्त जनसंख्या के लिये खाद्य उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण आधार माना जाता है।
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  • असम उत्तर-पूर्वी भारत में स्थित है।यहाँ चावल का सेवन मांस, चिकन और सूअर के मांस जैसे विभिन्न मांसाहारी व्यंजनों के साथ किया जाता है।यहाँ लोग चावल,  बैम्बू शूट   , पाईके पिइला (अचार) खाना पसंद करते हैं।
  • गोवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। नारियल तेल और समुद्री मछली की उच्च उपज है। नारियल के तेल में पकाई गई समुद्री मछली गोवा में लोकप्रिय है।

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