New Education Policy (NEP)2020 |नई शिक्षा नीति 2020 क्या है

New Education Policy(NEP) 2020: केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 के जगह पर प्रतिस्थापित की है |New Education Policy से शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए वक्त के साथ शिक्षा नीति में भी बदलाव की जाती है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 से सरकार शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है |New Education Policy(NEP) 2020 में बदलाव 34 वर्ष बाद हुआ है।नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 का प्रारूप पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा तैयार किया गया था।

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नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति होगी। आप इस पोस्ट के माध्यम से New Education Policy(NEP) 2020 के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है और अगर आप CTET ,STET ,MPTET,UPTET इत्यादि परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है तो आप आने वाले पोस्ट को भी जरुर पढ़े |

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु :-

  • कैबिनेट द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय(Ministry of Human Resource Development- MHRD) का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) करने को भी मंज़ूरी दी गई है।
  • NEP-2020 के उद्देश्य शिक्षा और सीखने (Education and Learning) पुनः अधिक ध्यान आकर्षित करना है।   
  • नीति ने सिफारिश की कि त्रि-भाषा सूत्र को लचीलापन प्रदान किया जाए।त्रि-भाषा सूत्र में हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, एक आधुनिक भारतीय भाषा और गैर-हिंदी भाषी राज्यों में क्षेत्रीय भाषा और अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा के अध्ययन को अपनाना और लागू करना चाहिए।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुँच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  • नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिये जून 2017 में पूर्व इसरो (ISRO) प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, इस समिति ने मई 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा’ प्रस्तुत किया था।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020′ वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति होगी।
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  • नई शिक्षा नीति 2020 में वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5+3+3+4 पर विभाजित की गई है।   
  • तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
  • नई शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है।
  • आदिवासी और स्वदेशी ज्ञान सहित भारतीय ज्ञान प्रणालियों को सटीक और वैज्ञानिक तरीके से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
  • आकांक्षी जिलों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा जहां बड़ी संख्या में छात्र आर्थिक, सामाजिक या जाति बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें ‘विशेष शैक्षिक क्षेत्र’ के रूप में नामित किया जाएगा।
  • राज्य सरकारों द्वारा वर्ष 2025 तक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा-3 तक के सभी बच्चों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्राप्त करने हेतु इस मिशन के क्रियान्वयन की योजना तैयार की जाएगी।
  • NEP-2020 में कक्षा-5 तक की शिक्षा में मातृभाषा/ स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को अध्यापन के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है|
  • इस नीति में मातृभाषा को कक्षा-8 और आगे की शिक्षा के लिये प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।
  • स्कूली और उच्च शिक्षा में छात्रों के लिये संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं का विकल्प उपलब्ध होगा परंतु किसी भी छात्र पर भाषा के चुनाव की कोई बाध्यता नहीं होगी।
  • बधिर छात्रों के लिये राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की जाएगी तथा भारतीय संकेत भाषा (Indian Sign Language- ISL) को पूरे देश में मानकीकृत किया जाएगा।  

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नई शिक्षा नीति 2020 में स्कूली शिक्षा :-

  • 3 वर्ष से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये शैक्षिक पाठ्यक्रम का दो समूहों में विभाजन-
  • 3 वर्ष से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये आँगनवाड़ी/बालवाटिका/प्री-स्कूल (Pre-School) के माध्यम से मुफ्त, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण ‘प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा’ की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • 6 वर्ष से 8 वर्ष तक के बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा-1 और 2 में शिक्षा प्रदान की जाएगी।
  • प्रारंभिक शिक्षा को बहुस्तरीय खेल और गतिविधि आधारित बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत किया जायेगा |
  • शिक्षकों, और वयस्क शिक्षा के लिए स्कूलों में नयी National Curriculum framework पेश की जाएगी।
  •  मुख्य ध्यान बच्चे के कौशल और क्षमताओं पर होगा।
  • पाठ्यक्रम की संरचना में बड़े बदलाव होगे जिससे आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं रहेगा |
  • 5 + 3 + 3 + 4 पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संरचना का पालन किया जाना है।
  • कक्षा 6 से कोडिंग और व्यावसायिक अध्ययन के साथ एक नया स्कूल पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा :-

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  • NEP-2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘सकल नामांकन अनुपात’ (Gross Enrolment Ratio) को 26.3% (वर्ष 2018) से बढ़ाकर 50% तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • NEP-2020 के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में महत्त्वपूर्ण सुधार किया गया है, इसके तहत 3 या 4 वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में छात्र कई स्तरों पर पाठ्यक्रम को छोड़ सकेंगे और उन्हें उसी के अनुरूप डिग्री या प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा (जैसे- 1 वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, 2 वर्षों के बाद एडवांस डिप्लोमा, 3 वर्षों के बाद स्नातक की डिग्री तथा 4 वर्षों के बाद शोध के साथ स्नातक)।  
  • विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से प्राप्त अंकों या क्रेडिट को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने के लिये एक ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ (Academic Bank of Credit) दिया जाएगा, जिससे अलग-अलग संस्थानों में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें डिग्री प्रदान की जा सके। 
  • नई शिक्षा नीति के तहत एम.फिल. (M.Phil) कार्यक्रम को समाप्त कर दिया गया है।
  • यदि छात्र 4-वर्षीय प्रोग्राम में एक बड़ा अनुसंधान परियोजना पूरी करता है, तो उसे ‘रिसर्च’ की डिग्री दी जाएगी।
  • भारत के परिसर में विदेशी विश्वविद्यालय की स्थापना की मंजूरी दी गयी है |

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नई शिक्षा नीति 2020 में पाठ्यक्रम और मूल्यांकन से जुड़े सुझाव:

  • NEP-2020 में कौशल के विकास, अनुभव आधारित शिक्षण और तार्किक चिंतन को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • इस नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुसार, कला और विज्ञान, व्यावसायिक तथा शैक्षणिक विषयों एवं पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं होगा।
  • कक्षा-6 से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल कर दिया जाएगा और इसमें इंटर्नशिप (Internship) की व्यवस्था भी दी जाएगी।
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  • NEP-2020 में छात्रों के सीखने की प्रगति की बेहतर जानकारी हेतु नियमित और रचनात्मक आकलन प्रणाली को अपनाने का सुझाव दिया गया है।    
  • छात्रों के समग्र विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कक्षा-10 और कक्षा-12 की परीक्षाओं में बदलाव किये जाएंगे। इसमें भविष्य में समेस्टर या बहुविकल्पीय प्रश्न आदि जैसे सुधारों को शामिल किया जा सकता है।
  • छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन के लिये मानक-निर्धारक निकाय के रूप में ‘परख’ (PARAKH) नामक एक नए ‘राष्ट्रीय आकलन केंद्र’ (National Assessment Centre) की स्थापना की जाएगी।
  • छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन तथा छात्रों को अपने भविष्य से जुड़े निर्णय लेने में सहायता प्रदान करने के लिये ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (Artificial Intelligence- AI) आधारित सॉफ्टवेयर का प्रयोग पर बल दिया जायेगा। 
  • शिक्षकों की नियुक्ति में प्रभावी और पारदर्शी प्रक्रिया का पालन तथा समय-समय पर लिये गए कार्य-प्रदर्शन आकलन के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी।
  • राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा NCERT के परामर्श के आधार पर ‘अध्यापक शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ [National Curriculum Framework for Teacher Education (NCFTE), 2021] का विकास किया जाएगा।
  • वर्ष 2030 तक अध्यापन के लिये न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री का होना अनिवार्य किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति 2020 में भारत के उच्च शिक्षा :-

  • चिकित्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोड़कर पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिये एक निकाय के रूप में भारत उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।
  • भारत उच्च शिक्षा आयोग के कार्यों के प्रभावी और प्रदर्शितापूर्ण निष्पादन के लिये चार संस्थानों/निकायों का निर्धारण किया गया है-
    • विनियमन हेतुराष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (National Higher Education Regulatory Council- NHERC)  
    • मानक निर्धारण- सामान्य शिक्षा परिषद (General Education Council- GEC)   
    • वित पोषण- उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (Higher Education Grants Council-HEGC)
    • प्रत्यायन- राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (National Accreditation Council- NAC)
  • महाविद्यालयों की संबद्धता 15 वर्षों में समाप्त हो जाएगी और उन्हें क्रमिक स्वायत्तता प्रदान करने के लिये एक चरणबद्ध प्रणाली की स्थापना की जाएगी।
  • देश में आईआईटी (IIT) और आईआईएम (IIM) के समकक्ष वैश्विक मानकों के ‘बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय’ की स्थापना की जाएगी।

नई शिक्षा नीति से सम्बंधित प्रश्न उत्तर FAQs

नेशनल एजुकेशन पालिसी क्या है ?

नेशनल एजुकेशन पालिसी को शिक्षा नीति 1986 की जगह पर लागू किया गया है। वर्तमान में चल रही 10+2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5+3+3+4 की नीति सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है।

नई शिक्षा नीति कब लागू होगी ?

राज्य सरकार द्वारा यह नई शिक्षा नीति लागू की जाएगी।

नई शिक्षा नीति में किये गए बदलाव क्या-क्या हैं ?

शैक्षिक पाठ्यक्रम में नए कौशलों को सम्मिलित किया जाएगा, वोकेशनल पढ़ाई पर मुख्य जोर दिया जाएगा, विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर, मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्राप्त, आदि बदलाव किये जाते हैं |

नेशनल एजुकेशन पालिसी के चरण कौन-कौन से हैं ?

फाउंडेशन स्टेज के तहत नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
मिडिल स्टेज में छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
प्रीपेटरी स्टेज में 8 से 11 साल के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
सेकेंडरी स्टेज में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को सम्मिलित किया गया।

क्या छात्र तीनों स्ट्रीमों की पढ़ाई कर सकते हैं ?

हाँ, नई शिक्षा नीति के तहत छात्र तीन स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स में से तीनों की पढ़ाई कर सकते हैं।

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